गणेश चतुर्थी पूजा आइटम्स | Ganesh Chaturthi Pooja items: आवश्यक सामग्री

गणेश चतुर्थी का पर्व हमारे हिन्दू धर्म में एक धार्मिक उत्सव है। यह पर्व भगवान गणेश की पूजा और आराधना के लिए मनाया जाता है, जो विविधता, समृद्धि और सुख के देवता के रूप में माने जाते हैं। यह पर्व हर साल भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष के चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है।

गणेश चतुर्थी पूजा आइटम्स जैसे सामान से घर को सजाया जाता है। गणेश चतुर्थी के इस उत्सव में लोग एकजुट होते हैं और मिल-जुल कर खुशियों का उत्सव मनाते हैं। इस दिन लोग Ganesh chaturthi pooja items के द्वारा पूजा करते हैं।

List of Ganesh Chaturthi Pooja Items

  1. गणेश मूर्ति
  2. दूर्वा (ग्रास)
  3. कुमकुम
  4. हल्दी
  5. अबीर
  6. गुलाल
  7. धूप
  8. दीप (बाती और तेल)
  9. अगरबत्ती
  10. सुपारी
  11. इलायची
  12. लौंग
  13. पंचमेवा
  14. गुड़
  15. फूल (गुलाब, चमेली, कनेर, लोटस)
  16. नारियल
  17. फल (सीब, अंगूर, केला)
  18. पान के पत्ते
  19. धातू का कलश
  20. गंगाजल

यह सामग्री आपको गणेश चतुर्थी पूजा के लिए आवश्यक सामग्री है। इसके आलावा कुछ लोग छेत्रिय तरीके से करते है जिसमे सामग्री हो जोड़ सकते है।

गणेश चतुर्थी पूजा आइटम्स के द्वारा पूजा करने की विधि

  • पूजा की तैयारी:  पूजा के लिए आवश्यक सामग्री जैसे गणेश जी की मूर्ति, दीपक, अगरबत्ती, नरियल, पान, सुपारी, अखरोट, धूप, चावल, रोली, चंदन, गुलाब जल, पुष्प, लाल चूना, बादाम, इलायची, लौंग, शहद, और फल आदि तैयार करें।
  • पूजा की शुरुआत:  पूजा की शुरुआत में गणेश जी की मूर्ति को स्थापित करें। मूर्ति के सामने रखें और उसे देवताओं, और गुरुओं की पूजा के लिए नमस्कार करें।
  • पूजा के विधान:  गणेश जी की मूर्ति को गंगाजल और गुलाब जल से स्नान कराएं। उन्हें गुड़, दही, घी, और चावल का भोग अर्पित करें।
  • मंत्र और आरती: गणेश मंत्र जैसे “ॐ गं गणपतये नमः” और “ॐ गणेशाय नमः” का जप करें और फिर गणेश आरती का पाठ करें।
  • प्रसाद वितरण:  पूजा के बाद प्रसाद को फल और मिठाई के रूप में तैयार करें और सभी को बाटे आशीर्वाद भी सबको देते चलना चाहिए। 
  • विसर्जन:  अंत में गणेश जी को विसर्जित करने के लिए मूर्ति को समुद्र या नदी में ले जाएं। इसके पहले गणेश जी को दूर्वा और कुमकुम के फूलों से पूजा करें।

FAQ

गणेश चतुर्थी की पूजा कब करनी चाहिए?

 पूजा भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष के चतुर्थी तिथि को की जाती है।

पूजा के दौरान कौन-कौन से मंत्र जपने चाहिए?

पूजा के बाद मूर्ति का क्या करना चाहिए?

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