गणेश जी के नारे के कई महत्व हैं। Ganesh ji ke nare से व्यक्ति को अपने ऊपर विश्वास मिलता है और उन्हें संघर्ष करने की शक्ति मिलती है। गणेश जी विधि, बुद्धि, और समर्थता के देवता हैं, इसलिए उनके नारे जपने से मन में सकारात्मकता और समर्थता की भावना उत्पन्न होती है।
इसके अलावा, Ganesh ji ki aarti करने और नारे जपने से व्यक्ति का मानसिक स्थिति में सुधार होता है और मानसिक चिंताओं से राहत मिलती है। इनके नारे करने से व्यक्ति को संजीवनी शक्ति मिलती है और उन्हें अधिक उत्साह और साहस की भावना होती है। हमने आपके लिए नीचे कुछ प्रसिद्ध नारे लिखे हुए हैं।
गणपति बप्पा मोरया, मंगलमूर्ति मोरया।
गणपति बप्पा के नारे लगाए,
गणेश चतुर्थी मना है।
गणपति बप्पा मोरया, मंगळमूर्ती मोरया।
गणपति बप्पा मोरिया, चार लड्डू चोरिया,
एक लड्डू टूट ग्या, गणपति बप्पा घर आइग्या।
हम पर जिसकी कृपा है अपरंपार,
ऐसे गणेश जी को हम सभी का नमस्कार।
गरम जलेबी फाफड़ा, गणपति बप्पा अपड़ा।
ट्विंकल ट्विंकल लिटल स्टार, गणपति बाप्पा सुपरस्टर।
गणपति बप्पा आएंगे,
सब परेशानियां दूर भगाएंगे। ।
कहा चली हो गोरिया, गणपति बाप्पा मोरिया।
जो है शिव की संतान,
वह गणपति है सबसे महान।
ना चीन ना कोरिया, गणपति बापा मोरिया।
लाल फूल पीले फूल, गणपति बाप्पा ब्यूटीफुल।
गणेश चतुर्थी आई है,
जीवन में खुशियां लाई है।
इंडिया और सारा संसार करे गणपति की जय-जयकार।
गणेश जी की हम सभी प्रार्थना करें,
उनके चरणों में नमन करें।
एक दो तीन चार, गणपति जी की जय जय कार;
पांच छै सात हाथ, गणपति जी है सबके साथ !
गणेश चतुर्थी मने,
जीवन में खुशहाली लाए।
Ganesh ji ke nare क्यों लिए जाते है
इनके नारे लेने का महत्वपूर्ण कारण है कि वे हिन्दू धर्म के प्रमुख देवता माने जाते हैं और उन्हें विघ्नहर्ता और विद्या के प्रतीक के रूप में पूजा जाता है। वे शुभ और लाभकारी शक्तियों के प्रतिनिधि हैं। Ganesh bhagwan ke 108 naam को लेकर अनेक कथाएं और महत्व हैं, जिसके कारण उनके नारे लिए जाते हैं।
नारे लेने का मुख्य कारण उनकी पूजा और अर्चना में श्रद्धा और भक्ति का गान करना चाहिए उनके नारे लेने से भक्त उनके प्रति अपना समर्पण और आदर्श प्रकट करते हैं। इसके साथ ही नारे से मनुष्य को उनके शक्तियों और गुणों का आदर्श मिलता है।
नारे लेने का एक और महत्वपूर्ण कारण है कि यह भगवान गणेश की महिमा और कल्याणकारी शक्तियों को स्मरण करने में सहायक होता है। Ganesh bhagwan ke bhajan और नारे से भक्त उनके दिव्य गुणों का अनुभव करते हैं और उनसे प्रेरित होते हैं।
FAQ
गणेश जी के नारे कैसे कहें?
गणेश जी के नारे आसानी से बोले जा सकते हैं, साधारणत: भक्तों द्वारा की जाती हैं और सभी उनकी महिमा को गाते हैं।
नारे कब और कहां कहें?
गणेश नारे किसी भी समय और स्थान पर कहे जा सकते हैं, हालांकि मंदिरों और पूजा स्थलों में इसे अधिक लोकप्रियता मिलती है।
गणेश जी के नारों की परंपरा क्या है?
नारों की परंपरा बहुत प्राचीन है और हिन्दू धर्म में प्रसिद्ध है। ये नारे भक्तों के बीच एक प्रिय है।