अनुराधा पौडवाल गणेश आरती लिरिक्स के द्वारा भक्ति की भावना ने इसे भक्तों के दिलों में एक विशेष स्थान बनाया है। यह आरती श्रद्धालुओं को आध्यात्मिक संवृद्धि में सहायक होता है और उन्हें भगवान गणेश के प्रति अधिक भक्ति और निष्ठा में बढ़ावा देता है।
Anuradha paudwal ganesh aarti lyrics एक अनूठा रूप और गहराई देती है। उनकी आवाज में भक्ति में डूबने में मदद करती है। उनकी ध्वनि में गहराई, भावना और भक्ति की प्रंसंसा होती है जो श्रद्धालुओं को अपने भगवान के प्रति अधिक संवेदनशील बनाती है।
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती पिता महादेवा॥➊༒
एक दंत दयावंत, चार भुजा धारी।
माथे सिंदूर सोहे, मूसे की सवारी॥➋༒
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती पिता महादेवा॥➌༒
पान चढ़े फल चढ़े, और चढ़े मेवा।
लड्डुअन का भोग लगे संत करें सेवा॥➍༒
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती पिता महादेवा॥➎༒
अंधन को आंख देत, कोढ़िन को काया।
बांझन को पुत्र देत निर्धन को माया॥➏༒
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती पिता महादेवा॥➐༒
सूर’ श्याम शरण आए, सफल कीजे सेवा।
माता जाकी पार्वती पिता महादेवा॥➑༒
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती पिता महादेवा॥➒༒
दीनन की लाज रखो, शंभु सुतकारी।
कामना को पूर्ण करो जाऊं बलिहारी॥➊⓿༒
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती पिता महादेवा॥➊➊༒
नोट: Ganesh aarti download आप इसे अपने पास रख सकते है या फिर इसका प्रिंट आउट निकलवा सकते है। जो की बिना इंटरनेट के कही भी और कभी भी इसका पाठ किया जा सकता है।
इनके द्वारा आरती से होने वाले लाभ
- आर्थिक संवृद्धि: आरती के गाने से भगवान गणेश की कृपा प्राप्त होती है, जो आर्थिक संवृद्धि और समृद्धि में सहायक होती है।
- मानसिक शांति: इस आरती को गाने से मानसिक चिंताओं और तनाव को कम किया जा सकता है और मन की शांति प्राप्त की जा सकती है।
- समाज में सहयोग: Ganesh ji ki aarti के गाने से समाज में सामाजिक सहयोग और एकता का संदेश फैलाया जा सकता है।
- आध्यात्मिक उन्नति: इस आरती को गाने से आध्यात्मिक उन्नति की प्राप्ति होती है और भक्ति में वृद्धि होती है।
- संगीतिक आनंद: अनुराधा पौडवाल की अद्वितीय ध्वनि से आरती का गाना करने से संगीतिक आनंद मिलता है।
- पारिवारिक समर्थन: इस आरती को पारिवारिक समृद्धि और सहयोग के लिए गाना जा सकता है, जो परिवार के सदस्यों के बीच अच्छे संबंधों को बढ़ावा देता है।
- मनोरंजन: इस आरती को गाने से लोगों को मनोरंजन का भी अच्छा माध्यम प्राप्त होता है और उन्हें आनंद मिलता है।
FAQ
इस आरती को कब गाई जाती है?
इस आरती को गणेश चतुर्थी और दैनिक पूजा के दौरान गाया जाता है।
यह आरती के कितने प्रकार हैं?
यह आरती कई प्रकार की होती हैं, जैसे “जय गणेश जय गणेश देवा“, “सुखकर्ता दुःखहर्ता“, आदि।