यह गणेश चतुर्थी मन्त्र, गणेश भगवान का बहुत ही प्रसिद्ध मंत्र है जिसको की गणेश चतुर्थी के दिन जाप करने से भक्तों को ऊर्जा प्रदान मिलता है। यह Ganesh chaturthi mantra उनके मन, शरीर, और आत्मा को पवित्र करता है, जिससे उन्हें गणेश भगवान की कृपा प्राप्त होती है। इस मन्त्र का जाप करने से भक्तों के जीवन में सफलता, सुख, और समृद्धि की प्राप्ति होती है।
इसके अलावा, यह मन्त्र उनके मन में सकारात्मक सोच और शक्ति को भी बढ़ाता है। इस दिन ganesh chaturthi song को गा कर ganesh bhagwan ki aarti करके जन्मोत्सव को मनाया जाता है, जिसे ‘विघ्नहर्ता’ के रूप में जाना जाता है, जो भक्तों के सभी विघ्नों को दूर करते हैं। मन्त्र जाप का समय भगवान गणेश के जन्मोत्सव के दिन और उससे पहले भी किया जा सकता है।
वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ ।
निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा ॥
ऊँ एकदन्ताय विद्महे वक्रतुण्डाय धीमहि तन्नो दन्ती प्रचोदयात्॥
ॐ गं गणपतये नमः।
ॐ गणेश ऋणं छिन्धि वरेण्यं हुं नमः फट
ॐ नमो हेरम्ब मद मोहित मम् संकटान निवारय-निवारय स्वाहा।
ॐ वक्रतुंडा हुं।
ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं ग्लौं गं गणपतये वर वरद सर्वजनं मे वशमानय स्वाहा।
सिद्ध लक्ष्मी मनोरहप्रियाय नमः।
ॐ श्रीं गं सौभाग्य गणपतये।
वर्वर्द सर्वजन्म में वषमान्य नम:।।
गणेश चतुर्थी मन्त्र करने की विधि
गणेश चतुर्थी मन्त्र करने की विधि को निम्नलिखित तरीके से संक्षेप में बताया गया है:
- शुभ मुहूर्त चयन: गणेश चतुर्थी का प्रारंभिक दिन चुनें। यह पर्व चैत्र शुक्ल पक्ष के चतुर्थी तिथि को भी मनाया जाता है।
- पूजा के लिए सामग्री तैयार करें: Ganesh chaturthi pooja items जैसे – गणेश मूर्ति या गणेश चित्र, पूजन सामग्री जैसे अगरबत्ती, दीप, फूल, नैवेद्य (प्रसाद), धूप, चावल, दूध, घी, शक्कर, इत्यादि तैयार रखे।
- मन्त्रों की प्रारंभिक ध्यान: Ganesh chaturthi aarti शुरू करने से पहले गणेश जी को ध्यान दें और उनकी कृपा की अनुभूति करें।
- मन्त्र जप: ॐ गं गणपतये नमः या फिर ॐ श्री गणेशाय नमः का जप करें। इसे जाप के दौरान माला के माध्यम से करें।
- पूजा क्रिया:
- गणेश चालीसा, आरती, और अन्य पूजनीय गाने गाएं।
- दीपों की आराधना करें और अगरबत्ती जलाएं।
- नैवेद्य बनाकर गणेश जी को अर्पित करें।
- अन्य पूजनीय क्रियाएं जैसे फूलों के चढ़ाव, धूप, चावल के अर्पण आदि करें।
- प्रार्थना और समापन: पूजा के बाद गणेश जी से अपनी मनोकामनाओं की प्रार्थना करें।
गणेश चालीसा या गणेश आरती का पाठ करें। - प्रसाद वितरण: पूजा को समाप्त करने के बाद प्रसाद का वितरण करें और गणेश जी को विदाई दें।
Ganesh chaturthi mantra से होने वाले लाभ
- बुद्धि और विवेक का विकास: मन्त्र का उच्चारण करने से व्यक्ति की बुद्धि और विवेक वृद्धि होती है, जिससे उसके निर्णयों में समझदारी और सावधानी आती है।
- परिवार की खुशहाली: मन्त्र का जाप करने से परिवार के सभी सदस्यों की खुशहाली बनी रहती है और परिवार में हर्ष का माहौल बना रहता है।
- मनोवांछित लाभ: यह मन्त्र व्यक्ति को उनकी मनोवांछित लक्ष्यों की प्राप्ति में मदद करता है और उन्हें उनके लक्ष्यों की प्राप्ति में सहायक होता है।
- आत्मशुद्धि और मन की शांति: मन्त्र का उच्चारण करने से व्यक्ति की आत्मशुद्धि होती है और मन की शांति मिलती है।
- विघ्न नाश: मन्त्र का जाप करने से किसी भी कार्य में आने वाले विघ्नों का नाश होता है।
- कार्य सफलता: इस मन्त्र का उच्चारण करने से किसी भी कार्य में सफलता मिलती है और उसका अच्छा परिणाम मिलता है।
- बुद्धि का विकास: मन्त्र के जाप से व्यक्ति की बुद्धि विकसित होती है और वह अधिक विचारशील बनता है।
FAQ
इस मन्त्र का जाप कितनी बार करना चाहिए?
साधारणतः मन्त्र का जाप 108 बार किया जाता है, लेकिन कुछ लोग इसे अनुसार अधिक बार भी करते हैं।
क्या महिलाएं भी इस चतुर्थी मन्त्र का जाप कर सकती हैं?
हां, इस मन्त्र का जाप कोई भी कर सकता है, बिना किसी लिंग या जाति परिवर्तन के।
इस मन्त्र का उच्चारण कब और कहाँ किया जाता है?
यह मन्त्र किसी भी समय और किसी भी स्थान पर उच्चारित किया जा सकता है, लेकिन अधिकतर लोग गणेश चतुर्थी के अवसर पर इसे पवित्र स्थलों पर उच्चारित करते हैं।
क्या इस मन्त्र का जाप बच्चों के लिए भी लाभदायक है?
हां, बच्चों को भी इस मन्त्र का जाप करने से सफलता, बुद्धि का विकास, और धार्मिकता में वृद्धि होती है।