यहाँ पर हमने आपके लिए गणेश जी की आरती लिखी हुई है। हमारे भारतीय संस्कृति में देवी-देवताओं का महत्व अत्यंत उच्च है। इन्हीं देवी-देवताओं में गणेश जी का विशेष स्थान है। विज्ञान के देवता, विध्नहर्ता, विध्ननाशक, गणपति, विघ्नेश्वर ये सभी नाम उन्हीं के हैं। उनकी पूजा-अर्चना मनुष्य के जीवन में संचालक के रूप में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ♦1♦
एक दंत दयावंत, चार भुजा धारी।
माथे सिंदूर सोहे, मूसे की सवारी ♦2♦
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा♦3♦
पान चढ़े फल चढ़े, और चढ़े मेवा।
लड्डुअन का भोग लगे, संत करें सेवा ♦4♦
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ♦5♦
अंधन को आंख देत, कोढ़िन को काया।
बांझन को पुत्र देत, निर्धन को माया ♦6♦
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ♦7♦
‘सूर’ श्याम शरण आए, सफल कीजे सेवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ♦8♦
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ♦9♦
दीनन की लाज रखो, शंभु सुतकारी।
कामना को पूर्ण करो, जाऊं बलिहारी ♦10♦
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ♦11♦
꧁༺ भगवान गणेश की जय ༻꧂
꧁༺ पार्वती के लल्ला की जय ༻꧂
यह Ganesh ji ki aarti likhi hui जो उन्हें समर्पित है, जो उनकी महिमा को गुणगान करती है और उनसे कृपा एवं आशीर्वाद प्राप्त करने की प्रार्थना करती है। इस आरती के माध्यम से हम गणेश जी की भक्ति करते हैं और उनसे आशीर्वाद प्राप्त करते हैं ताकि हमारा जीवन समृद्धि, सफलता, और खुशियों से भरा रहेगा।
नोट : Ganesh ji ki aarti pdf में भी उपलब्ध है जिसको आप अपने मोबाइल में सेव करके कभी भी और कही भी पाठ कर सकते है।
इस आरती से होने वाले लाभ
- मन को शांति: आरती का पाठ करने से पहले मन को शांति और स्थिरता मिलती है। इससे मन की चंचलता कम होती है और ध्यान लगाने में सहायता मिलती है।
- शुभकामनाओं का प्राप्ति: आरती का पाठ करने से शुभकामनाओं की प्राप्ति होती है। गणेश जी विघ्नों का नाश करने वाले हैं और उनकी कृपा से सभी कार्य सहजता से होते हैं।
- आनंद और भक्ति का अनुभव: आरती का पाठ करने से भक्त को आनंद और भक्ति का अनुभव होता है। यह आरती भक्त को गणेश जी के चरणों में समर्पित करती है और उनकी शरण में स्थिर करती है।
- समृद्धि और सफलता की प्राप्ति: आरती का पाठ करने से समृद्धि और सफलता की प्राप्ति होती है। गणेश जी हर कार्य में सफलता प्रदान करने वाले हैं और उनकी कृपा से सभी अवस्थाओं में समृद्धि आती है।
- मनोबल की वृद्धि: आरती का पाठ करने से मनोबल की वृद्धि होती है। यह आरती भक्त को मन की शक्ति और साहस प्रदान करती है और उसे हर संघर्ष को जीतने की प्रेरणा देती है।
FAQ
इनकी आरती कब पढ़ी जाती है?
Ganesh Ji Ki Aarti सायंकाल और सुबह के समय पढ़ी जाती है, लेकिन कई लोग इसे अपनी अनुचित आवश्यकताओं और समय के अनुसार भी पढ़ते हैं।
इनकी आरती के कितने स्त्रोत हैं?
आरती के कई स्त्रोत हैं, लेकिन “जय गणेश, जय गणेश” और “गणपति विघ्न हरण, मंगल मूर्ति मोरया” ये दो स्त्रोत प्रमुख हैं।
आरती कितने दिन पढ़ी जाती है?
आरती को नियमित रूप से पढ़ा जाता है, लेकिन विशेष अवसरों पर जैसे गणेश चतुर्थी, वक्रतुण्ड महाकाय स्पष्ट सूर्यकोटि समप्रभ।
आरती का पाठ कब किया जाता है?
आरती को प्रातः काल और संध्या काल में पढ़ा जाता है, लेकिन कई लोग अपने व्यस्तताओं के अनुसार भी इसे पढ़ते हैं।