गणेश स्थापना मंत्र का उच्चारण गणेश पूजन के आरंभ में किया जाता है। इसके उच्चारण के बाद गणेश जी की मूर्ति को स्थापित किया जाता है । Ganesh sthapana mantra का उच्चारण करते समय ध्यान रखना चाहिए कि उसे साफ़ और स्पष्ट ध्वनि में पढ़ा जाए।
गणेश स्थापना मंत्र का उच्चारण करके शुरुआत में ही किसी कार्य को सफलता प्राप्ति की शुभारंभ की जाती है। Ganesh mantra का उच्चारण करने से पूरे परिवार में आनंद, खुशी और सकारात्मक ऊर्जा फैलती है।
आवाहन मंत्र
गजाननं भूतगणादिसेवितम कपित्थजम्बू फल चारू भक्षणं।
उमासुतम शोक विनाशकारकं नमामि विघ्नेश्वर पादपंकजम।।
आगच्छ भगवन्देव स्थाने चात्र स्थिरो भव।
यावत्पूजा करिष्यामि तावत्वं सन्निधौ भव।।
प्राण प्रतिष्ठा मंत्र
अस्यैप्राणाः प्रतिष्ठन्तु अस्यै प्राणा क्षरन्तु च।
अस्यै देवत्वमर्चार्यम मामेहती च कश्चन।।
आसान में बैठाने का मंत्र
रम्यं सुशोभनं दिव्यं सर्व सौख्यंकर शुभम।
आसनं च मया दत्तं गृहाण परमेश्वरः।।
स्नान का मंत्र
गंगा सरस्वती रेवा पयोष्णी नर्मदाजलै:।
स्नापितोSसी मया देव तथा शांति कुरुश्वमे।।
पहले दूध् से स्नान कराएं और यह मंत्र दोहराएं।
कामधेनुसमुत्पन्नं सर्वेषां जीवन परम।
पावनं यज्ञ हेतुश्च पयः स्नानार्थं समर्पितं।।
दही से स्नान कराते वक्त यह मंत्र दोहराएं
पयस्तु समुदभूतं मधुराम्लं शक्तिप्रभं।
ध्यानीतं मया देव स्नानार्थं प्रतिगृह्यतां।।
घी से स्नान कराते वक्त यह मंत्र दोहराएं।
नवनीत समुत्पन्नं सर्व संतोषकारकं।
घृतं तुभ्यं प्रदास्यामि स्नानार्थं प्रतिगृह्यताम।।।
शहद से स्नान करते वक्त यह मंत्र दोहराएं।
तरु पुष्प समुदभूतं सुस्वादु मधुरं मधुः।
तेजः पुष्टिकरं दिव्यं स्नानार्थं प्रतिगृह्यताम।।
पंचामृत से स्नान कराते वक्त यह मंत्र दोहराएं।
पयोदधिघृतं चैव मधु च शर्करायुतं।
पंचामृतं मयानीतं स्नानार्थं प्रतिगृह्यताम।।
आखिर में शुद्ध जल से स्नान कराएं और यह मंत्र दोहराएं।
मंदाकिन्यास्त यध्दारि सर्वपापहरं शुभम।
तदिधं कल्पितं देव स्नानार्थं प्रतिगृह्यताम।।
वस्त्र पहनाने का मंत्र
सर्वभूषाधिके सौम्ये लोक लज्जा निवारणे।
मयोपपादिते तुभ्यं वाससी प्रतिगृह्यतां।।
जनेऊ मंत्र
नवभिस्तन्तुभिर्युक्त त्रिगुण देवतामयम |
उपवीतं मया दत्तं गृहाणं परमेश्वर : ||
चन्दन चढ़ाने का मंत्र
रक्त चन्दन समिश्रं पारिजातसमुदभवम।
मया दत्तं गृहाणाश चन्दनं गन्धसंयुम।।
रोली लगाने का मंत्र
कुमकुम कामनादिव्यं कामनाकामसंभवाम ।
कुम्कुमेनार्चितो देव गृहाण परमेश्वर्:।।
सिन्दूर चढ़ाने का मंत्र
सिन्दूरं शोभनं रक्तं सौभाग्यं सुखवर्धनम्।
शुभदं कामदं चैव सिन्दूरं प्रतिगृह्यतां।।
अक्षत चढ़ाने का मंत्र
अक्षताश्च सुरश्रेष्ठं कुम्कुमाक्तः सुशोभितः।
माया निवेदिता भक्त्या गृहाण परमेश्वरः।।
पुष्प चढ़ाने का मंत्र
पुष्पैर्नांनाविधेर्दिव्यै: कुमुदैरथ चम्पकै:।
पूजार्थ नीयते तुभ्यं पुष्पाणि प्रतिगृह्यतां।।
बेल का पत्र चढ़ाने का मंत्र
त्रिशाखैर्विल्वपत्रैश्च अच्छिद्रै: कोमलै: शुभै:।
तव पूजां करिष्यामि गृहाण परमेश्वर :।।
आभूषण चढ़ाने का मंत्र
अलंकारान्महा दव्यान्नानारत्न विनिर्मितान।
गृहाण देवदेवेश प्रसीद परमेश्वर:।।
दूर्वा चढ़ाने का मंत्र
सौभाग्यं संततिं देहि सर्वकार्यकरो भव।।
अन्य खास मंत्र
सुगंध तेल चढ़ाएं- चम्पकाशोक वकु ल मालती मीगरादिभि:।
वासितं स्निग्धता हेतु तेलं चारु प्रगृह्यतां।।
धूप दिखाए – वनस्पतिरसोदभूतो गन्धढयो गंध उत्तम :।
आघ्रेय सर्वदेवानां धूपोSयं प्रतिगृह्यतां।।
दीप दिखाएं- आज्यं च वर्तिसंयुक्तं वहिन्ना योजितं मया।
दीपं गृहाण देवेश त्रैलोक्यतिमिरापहम।।
मिठाई अर्पण करें- शर्कराघृत संयुक्तं मधुरं स्वादुचोत्तमम।
उपहार समायुक्तं नैवेद्यं प्रतिगृह्यतां।।
आरती करें- चंद्रादित्यो च धरणी विद्युद्ग्निंस्तर्थव च।
त्वमेव सर्वज्योतीष आर्तिक्यं प्रतिगृह्यताम।।
इसको करने की विधि निम्नलिखित है।
- स्थान की तैयारी: पहले, एक साफ़ और शुद्ध स्थान को चुनें, जहां गणेश जी की मूर्ति स्थापित की जा सके या स्थापित हो।
- मूर्ति की आवश्यकता: एक गणेश जी की मूर्ति या प्रतिमा आवश्यक होती है। आप चाहे तो उत्तम गणेश जी की मूर्ति खरीद सकते हैं या खुद बना सकते हैं।
- पूजा सामग्री: गणेश स्थापना के लिए पूजा सामग्री जैसे दीपक, अगरबत्ती, चावल, धूप, सुपारी, इलायची, लौंग, दूध, घी, चीनी, फूल, गुड़, पान की पत्ती, गंगाजल, दूध, और पुष्प इत्यादि को तैयार कर लें।
- मंत्र उच्चारण: अब गणेश स्थापना मंत्र का उच्चारण करें।
- पूजा की आरती: मंत्र का उच्चारण के बाद उनकी आरती उतारें और प्रसाद बांटें।
- प्रसाद वितरण: पूजा समाप्त हो जाने के बाद लोगो को प्रसाद बाँटे।
इन उपचारों को अनुसरण करके, गणेश स्थापना मंत्र के साथ पूजा को सही तरीके से किया जा सकता है, जिससे सुख, समृद्धि और सफलता की प्राप्ति हो सकती है।
इस मंत्र से अनेक लाभ प्राप्त होते है।
- सफलता की प्राप्ति: इस मंत्र का उच्चारण करने से किसी भी कार्य में सफलता प्राप्त होती है।
- घर में सुख-शांति: मंत्र के उच्चारण से घर में सकारात्मक ऊर्जा फैलती है और सुख-शांति का वातावरण बनता है।
- आत्मविश्वास और साहस: गणेश भगवान का आशीर्वाद प्राप्त होने से व्यक्ति में आत्मविश्वास और साहस बढ़ता है।
- मनोबल: गणेश भगवान के आशीर्वाद से मानसिक और भावनात्मक मजबूती मिलती है और मनोबल में वृद्धि होती है।
- कष्टों का निवारण: मंत्र का जाप करने से जीवन के कष्टों का निवारण होता है और समस्याओं का हल निकलता है।
- परिवार में खुशियाँ: मंत्र का उच्चारण करने से परिवार में खुशियाँ और समृद्धि का अनुभव होता है।
- आध्यात्मिक उन्नति: Ganesh bhagwan ki aarti और मंत्र जाप से व्यक्ति की आध्यात्मिक उन्नति होती है और उसका मार्गदर्शन होता है।
FAQ
स्थापना मंत्र कब उच्चारित किया जाता है?
इस मंत्र को गणेश चतुर्थी और अन्य पर्वों में गणेश पूजन के समय उच्चारित किया जाता है।
इस स्थापना मंत्र की जरूरत क्यों होती है?
इस मंत्र की जरूरत होती है ताकि गणेश भगवान की कृपा प्राप्त हो और किसी भी कार्य में सफलता हासिल हो।
यह मंत्र का क्या उद्देश्य होता है?
इस मंत्र का उद्देश्य घर में सकारात्मक ऊर्जा बनाए रखना है और सभी कार्यों में सफलता प्राप्त करना होता है।