खजराना गणेश मंदिर इंदौर | khajrana ganesh mandir indore

भारतीय संस्कृति में मंदिरों का महत्व अत्यधिक है। इन मंदिरों में भगवान के प्रतीक अत्यंत महत्वपूर्ण होते हैं, जिन्हें देवी-देवताओं का वास माना जाता है। भारतीय संस्कृति में मंदिरों की महत्वपूर्ण भूमिका है।खजराना गणेश मंदिर इंदौर, मध्य प्रदेश के एक प्रमुख धार्मिक स्थल है। यहाँ का मंदिर गणेश भगवान को समर्पित है। 

 जो कि हिन्दू धर्म के प्रमुख देवता माने जाते हैं। यहाँ के मंदिर में गणेश भगवान के विभिन्न रूपों की मूर्तियाँ स्थापित हैं, जो कि आत्मा की शांति और सुख की प्राप्ति में मदद करती हैं। यहाँ के मंदिर में श्रद्धालु अपने मनोकामनाओं को पूर्ण करने के लिए प्रार्थना करते हैं और भगवान की कृपा की प्राप्ति के लिए आशीर्वाद मांगते हैं।

खजराना गणेश मंदिर में प्रतिदिन लाखों लोग भगवान की आराधना करने आते हैं। विशेष अवसरों पर, जैसे नवरात्रि, गणेश चतुर्थी, और अन्य धार्मिक त्योहारों में, मंदिर की भीड़ और उत्सवी वातावरण अधिक होता है। इन दिनों पर मंदिर में आने का अद्भुत मौका होता है, जब लोग अपनी भक्ति और आराधना के लिए यहाँ आते हैं।

खजराना गणेश मंदिर इंदौर एक धार्मिक स्थल के रूप में महत्वपूर्ण है, जो लोगों को मानसिक और आध्यात्मिक शांति का अनुभव कराता है। यहाँ के दर्शन और पूजा का अनुभव करने से लोग अपने जीवन में सकारात्मक परिवर्तन महसूस करते हैं और भगवान के आशीर्वाद से प्रेरित होकर उनकी जिंदगी में समृद्धि और सुख की प्राप्ति होती है।

प्रसिद्धि – खजराना गणेश मंदिर की चमत्कारी शक्तिया पुरे भारत वर्ष में प्रसिद्ध है यहां पर दूर -दूर  से भक्त अपनी मनोकामना पूरा करने के लिए आते हैं। सभी भक्तों की ऐसी मान्यता है, और उनसे बात करने से पता चलता है की इस मंदिर में जो भी भक्त अपनी मुराद लेकर आते है उनकी मनोकामना अवश्य ही पूरा होता है। 

सभी भक्त अपनी मनोकामना की इच्छा करते हुए पूरी श्रद्धा से गणेश भगवान की पीठ पर {प्रतिमा पर} उल्टा स्वस्तिक बनाते हैं और मोदक का भोग लगाते हैं जब मनोकामना पूर्ण हो जाता है तब आप गणेश जी की प्रतिमा पर सीधा स्वास्तिक जरूर बनाये और भगवान को लड्डू अवश्य चढ़ाये। 

खजराना गणेश मंदिर का इतिहास

मुगल शासन के समय भगवान  गणेश की प्रतिमा को औरंगजेब  से बचाने के लिए खजराना के एक कुएँ में छिपा दिया गया था जिससे कई वर्षों तक मूर्ति कुएं में ही रही। 

खजराना के ही एक स्थानीय पंडित जिनका नाम मंगल भट्ट जी को स्वप्न में भगवान गणेश दर्शन देकर इस मंदिर के निर्माण  के लिए कहा। अपने इस स्वप्न को उस समय की “होलकर वंश” की रानी “अहिल्याबाई” को बताया पंडित जी के इस  स्वप्न को रानी गंभीरता से लेते हुए मंदिर के निर्माण करवाने की बात कही। रानी अहिल्याबाई के द्वारा 1735 में खजराना  के गणेश मंदिर का निर्माण कराया गया। 

मंदिर खुलने का समय

  • मंगल आरती- सुबह 5 :00 बजे से 5 :30 बजे तक। 
  • श्रृंगार दर्शन – सुबह  5 :30 बजे से 6 :30 बजे तक। 
  • सुबह की आरती – सुबह 7 :30 बजे से 8 :00 बजे तक। 
  • दोपहर दर्शन- दोपहर 12 :00 बजे से शाम 4 :00  बजे तक। 
  • संध्या आरती – शाम 7 :00 बजे से 7 :30 बजे तक। 
  • रात्रि आरती – रात 10 :00 बजे से 10 :30 बजे तक। 
  • शेज आरती – रात्रि 11:00  बजे। 

खजराना गणेश मंदिर इंदौर कैसे जाये 

  • वाहन के  मदद से :  अगर आप अपने वाहन से जाते हैं, तो इंदौर के कई अंचलिक वाहनों से मंदिर पहुँच सकते हैं। इंदौर शहर में उपलब्ध टैक्सी, ऑटोरिक्शा और बस सेवाएँ भी हैं जो आपको मंदिर तक पहुंचने में मदद कर सकती हैं।
  • सार्वजनिक परिवहन से: अगर आप सार्वजनिक परिवहन का सहारा लेना चाहते हैं, तो इंदौर मेट्रो या बस सेवाएँ भी उपलब्ध हैं, जिनका उपयोग करके आप मंदिर तक पहुंच सकते हैं।और दर्सन कर सकते है आसानी से को परेशानी नहीं होगी। 
  • पैदल यात्रा: यदि आप नजदीकी क्षेत्र से हैं, तो आप मंदिर तक पैदल यात्रा कर सकते हैं। यह आपके स्वास्थ्य के लिए भी उत्तम होगा और पर्याप्त समय में आपको मंदिर तक पहुँचने में मदद करेगा।जो की पैदल यात्रा करने से गणेश भगवान भी प्रसन होते है  और आशीर्वाद भी देते है।
  • ट्रेन से: आप अपने निवास स्थान से ट्रेन का प्रयोग कर सकते हैं। खजराना गणेश मंदिर का  सबसे निकटतम रेलवे स्टेशन  इंदौर जंक्शन रेलवे स्टेशन है जहा से मंदिर जाने के लिए आप टैक्सी या बस का सहारा ले सकते है। रेलवे जंक्शन से मंदिर दुरी 7 किलोमीटर है। 
  • हवाईजहाज: खजराना गणेश मंदिर का निकटतम हवाईअड्डा ‘देवी अहिल्याबाई होल्कर हवाईअड्डा है जो मंदिर से 9 किमी की दुरी पर स्थित है।
  • सड़क मार्ग द्वारा: खजराना गणेश मंदिर शहर के सभी हिस्सों से सड़क मार्ग द्वारा जुड़ा हुआ है जिससे  आसानी से सड़क परिवहन का सहारा लेकर मंदिर तक आसानी पहुंच सकते हैं। 

लाभ 

  • आत्मिक शांति: मंदिर में गणेश भगवान की पूजा और आराधना करने से मनुष्य को आत्मिक शांति और सुकून की प्राप्ति होती है। यहाँ के धार्मिक वातावरण मन को शांत करता है और आत्मा को उच्चतम ध्यान में ले जाता है।
  • कल्याणकारी उपाय: गणेश भगवान की पूजा और आराधना करने से भगवान की कृपा मिलती है और जीवन में सभी कठिनाइयों को दूर करने के लिए साहाय्य मिलती है।
  • सामाजिक एकता: मंदिर में लोग आकर्षित होते हैं और धार्मिक उत्सवों में भाग लेते हैं, जिससे सामाजिक एकता और साथीता बढ़ती है।
  • परंपरागत धार्मिक संस्कृति का अनुभव: खजराना गणेश मंदिर का दर्शन करना एक परंपरागत धार्मिक संस्कृति का अनुभव है, जिससे लोग अपनी संस्कृति को महसूस करते हैं और उसे महत्व देते हैं।

इस प्रकार, खजराना गणेश मंदिर के दर्शन करने से लोगों को बहुत फायदा भी होता है जैसे की सब दुःख तकलीफ और सभी चिंताए दूर होती है। 

FAQ

मंदिर की स्थापना कब हुई थी?

मंदिर की स्थापना 1735 वर्ष में हुआ था। 

मंदिर के नियम क्या हैं?

मंदिर में प्रवेश के लिए लोगो को विशेष नियमों का पालन करना चाहिए, जैसे कि जूते नहीं पहनना और ध्यान और आदर के साथ प्रवेश करना।

मंदिर के आस-पास किस प्रकार की सुविधाएँ हैं?

मंदिर के आस-पास धार्मिक आरामगाह, पार्किंग सुविधाएँ, और भोजन की सुविधा उपलब्ध है।

मंदिर में दर्शन का शुल्क क्या है?

मंदिर में दर्शन के लिए किसी भी शुल्क का लेन-देन नहीं होता है। यहाँ के दर्शन मुफ्त हैं।

मंदिर के प्रसिद्ध उत्सव कौन-कौन से हैं?

मंदिर में गणेश चतुर्थी, नवरात्रि और दिवाली जैसे प्रमुख हिंदू उत्सव मनाए जाते हैं।

Spread the love

Leave a Comment